- June 9, 2021
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जीबीएच अमेरिकन हाॅस्पीटल में पेशेंट के सफल इलाज पर पेशेंट ने दिया हॉस्पिटल को धन्यवाद, मस्तिष्क में गांठ के कारण युवती को दिखाई देना बंद होने पर जीबीएच अमेरिकन हाॅस्पीटल के एडवांस न्यूरो केयर इंस्टीट्यूट में युवती का नाक के रास्ते से पहुंचकर मस्तिष्क की गांठ निकाली गई और युवती के आखों की रोशनी वापस लौटाई गई। बांसवाड़ा निवासी 23 वर्षीय युवती को करीब एक महीने पहले दायीं आंख से दिखना बंद हो गया था। उसका असर बढ़ते हुए बायीं आंख में भी आने लगा था। इस पर परिजन युवती को लेकर जीबीएच अमेरिकन हाॅस्पीटल के एडवांस न्यूरो केयर इंस्टीट्यूट में पहुंचे और न्यूरो सर्जन डाॅ. नितिन भाकल को दिखाया। एमआरआई में युवती के मस्तिष्क के बीचों बीच गांठ पाई गई। इससे आंखें की धमनी पर दबाव पड़ रहा था जिससे आखों की रोशनी कमजोर हो गई थी। इसे चिकित्सकीय भाषा में क्रेनियोफेरिज्योमा कहा जाता है। युवती का इस कोरोनाकाल में कोरोना प्रोटोकाॅल की पालना करते हुए नाक के रास्ते दूरबिन से ऑपरेशन किया गया। न्यूरो सर्जन डाॅ. नितिन भाकल, ईएनटी सर्जन डाॅ. कनिष्क मेहता, निश्चेतना विभाग से डाॅ. तरूण भटनागर और डाॅ. दीपक बजाज की टीम ने यह ऑपरेशन किया। इसकी सफलता रही कि युवती के ऑपरेशन के तुरंत बाद आंखों की रोशनी लौट आई। वर्तमान की विषम कोविड परिस्थिति में मरीजों द्वारा की गई ऐसी प्रतिक्रिया सभी स्वास्थ्यकर्मियों में एक नयी ऊर्जा का संचार करती है । GBH अमेरिकन हॉस्पिटल की तरफ से आपका बहुत बहुत आभार और आपकी अच्छे स्वास्थ्य व लम्बी उम्र की कामना !!!